इत्तेफाक




#इत्तेफाक ❤️
#शॉर्ट_स्टोरी

आज डायरी खोलते ही चेहरे पर एक अनकही मुस्कान बिखर गई । वैसे तो हर दिन बड़ा व्यस्त होता है घर से ऑफिस , ऑफिस से घर। पर आज कुछ अलग हुआ । आज मै अपनी नौकरी के तीन महीनों में पहली बार लेट हुए देर से उठने से । कोई समान नहीं मिलरा था
मैं तो बिन नाश्ता किए ही जा रहा था थी मा ने टोका
"रवि नाश्ता कर पहले फिर जाना
मा मै बहुत लेट हो गया हूं ऑफिस में कर लूंगा
थोड़ा सा तो कहा ले बेटा , मा ने कहा
बस फिर क्या मा से कोई जीत पाया है भला जल्दी जल्दी में खा के बाइक ले निकल गया।
सड़क पर पहुंचा ही था कि ट्रैफिक इतना की क्या बताऊं । बस इसे भी आज ही होना था एक तो वैसे ही लेट हूं बड़बड़ाते हुए मै इधर उधर देखने लगा । तभी मेरी नजर सामने की सड़क पर पड़ी । हल्के गुलाबी रंग के सूट पहने एक लड़की खड़ी  अपना दुप्पटा साफ करते हुए बडबडा रही थी । शायद कोई गाड़ी उसके ऊपर पानी के छीटें मार गई थी। मासूम से  चेहरे पर हल्की शिकन  उसे और भी खूबसूरत बना रही थी ।जाने क्यों मै उससे नजरे हटा ही नहीं पा रहा था । बस एकटक उसे देखा रहा । उसकी मासूमियत में खो सा गया था । वर्षा के धोके के बाद फिर कभी भी इस पचड़े में ना पड़ने की कसम खा ली थी। पर आज इस लड़की को देख के सब भूल सा गया । और तभी पीछे से हॉर्न की आवाज़ ने मुझे डिस्टर्ब किया  तो मैने आगे देखा ट्रैफिक हट चुका था । थोड़ी देर पहले जिस ट्रैफिक के हटने की जल्दी थी मुझे और अब उसके हटने पर कोस रहा था । मैने फिर एक बार उस तरफ देखा , तो वो लड़की वहा से जा चुकी थी । चलो मेरे लेट होने का कुछ तो फ़ायदा हुआ।ये इत्तफाक मै कभी नहीं भूल पाऊंगा । बस मैं यू ही हल्का मुस्कुराया और ऑफिस की ओर चल दिया, दिल  में ये तमन्ना लिए कि काश वो फिर दिख जाए मुझे ।

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