इत्तेफाक(Part 3)



#storyfever
❤️
#03
बस बॉस के केबिन से बाहर ही आया था कि फिर जो देखा उस पर यकीन नहीं हुआ।
मेरे डेस्क के पास में जो एक डेस्क लगा था उस पर वही लड़की बैठी थी जिसे मैने उस दिन सड़क पर देखा था। अपनी आंखो पर यकीन नहीं हुआ। ऐसे एक महीने बाद उसका दिखना वो भी मेरे ऑफिस में , ये भी तो एक इत्तफाक ही तो  था।
मैं धीरे धीरे अपने डेस्क की तरफ बड़ा मानो कोई सपना देख रहा हूं।
और वो मुझे देखते ही मुस्कुराने लगी बस एक हार्ट अटैक तो वहीं आ गया मुझे , उसकी मुस्कान को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता ।
उसकी मुस्कान मुझे अंदरुनी सुकून दे रही थी और तभी मेरे ख्याल टूटे उसकी आवाज़ से
हैलो सर!
ये कह के उसने फिर छोटी सी मुस्कान दी ।
हैलो! पहले तो कभी नहीं देखा आपको यहां , मन में सारे ख्याल दबाते हुए मैने कहा।
"आज ही जॉइन किया है मैने सर" वह बोली।
बस ये सुनते ही मन में सारे लड्डू फुट गए ।
फिर वो अपने डेस्क पर जा कर कामो में लग गई
शाम होते ही मैं ऑफिस से निकला तो देखा वो ऑटो से जा चुकी थी।
फिर मैं भी चल दिया ।।
आज तो  रात उसी के ख्यालों के नाम हुई। उसी के बारे में सोचते हुए मुझे ये ध्यान आया कि नाम तो मैने पूछा ही नहीं( अपने सर पर मारते हुए🤦🏻‍♂️)।
बस कल सबसे पहले तो नाम ही पूछूंगा मै।
यही सब सोचते हुए कब आंख लगी पता ही नहीं चला।
#मॉर्निंग
आज बस ऑफिस पहुंचने की जल्दी थी मुझे , ऑफिस पहुंचा तो देखा वो वो पहले ही आई हुई थी ।
मै भी अपनी डेस्क पर जा कर बैठ गया ।
गुड मॉ्निंग सर , मासूम सी आवाज़ में उसने कहा
गुड मॉर्निंग! एंड डोंट कॉल मी सर।
मेरा नाम रवि है( अपना हाथ आगे कर के मैने कहा)
और मेरा नाम प्रीतिका है( हाथ मिलाते हुए उसने कहा)
प्रीतिका! वह बहुत प्यारा नाम है
थैंक्यू सिर कहते हुए वो मुस्कुराई।
 उसकी यही मुस्कान बड़ी घातक है मेरे लिए ।
फिर हम दोनों ही अपने कामों में लग गए ।

#लंचटाइम
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