मदर्स डे
मदर्स डे
रजनी सुबह सबको चाय दे कर घर के झाड़ू पोछा लगाने में लग जाती है । तभी देखती है कि उसके दोनों बच्चे रजत और सौम्या अभी तक नहीं उठे थे ,
" अरे तुम दोनों उठे नहीं अभी तक टाईम देखो क्या हो गया ,चलो उठो
मुझे सफाई भी करनी है इस कमरे की।" रजनी दोनों को उठाते हुए कहती है ।
रजत और सौम्या उठ कर सोफे पर फोन लेकर बैठ जाते है । और रजनी रोज की तरह झाड़ू लगा रही थी तभी रजत फोन में देखते हुए बोलता है - अरे आज तो मदर्स डे है ।
फिर रजत कर सौम्या जल्दी से रजनी के पा
"अरे ममी ये झाड़ू और कूड़ा नीचे फेको ना फोटो में अच्छा नहीं आ रहा है " , ये कहते हुए सौम्या सब नीचे फेक देती है ।
और कुछ फोटो लेने के बाद वो वापस से फोन में लग जाते है ।
" ये देख सौम्या मेरा मदर्स डे का कैप्शन अच्छा है ना " रजत सौम्या को अपने फोन में वही पिक दिखाते हुए कहता है
सौम्या - हा भाई बहुत अच्छा है ।
रजनी उन्हें देख अवाक सी रह जाती है वो एक नजर फर्श पर बिखरे हुए कूड़े को देखती है जिसे उसने अभी अभी ही साफ किया था , और एक नजर अपने दोनों बच्चो को देखती है ।
अचानक ही उसकी आंखें भर आती है ..... वो अपने आसू पोछती है और वापस अपने कामों में लग जाती है ।
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