IMPORTANCE ( मां)

IMPORTANCE (Maa)


रात  के 11 बज रहे थे और आरुषि अभी भी अपना ऑफिस का काम कर थी थी । काम करते करते उसे टाईम का पता ही नहीं चला । तभी उसे किसी की आवाज़ आती है। वो दरवाजे की तरफ देखती है तो सामने  उसकी मा खड़ी थी 
" तू अभी तक नहीं सोई आरू " उसकी मा ने कहा
आरुषि - बस सोने ही वाली थी मम्मा  आप सो जाइए, मै भी सो जाउंगी 
" हा हा पता है मुझे तू कितना सोएगी , चल बन्द कर अब ये सब कल कर लेना " ये कहते हुए वो बेड पर बैठ गई 
आरुषि - हा बस हो गया 
काम खत्म कर आरुषि अपनी मा की गोद में सिर रख कर लेट गई 
आरुषि - वैसे आप क्यों नहीं सोई अभी तक 
" तू रात रात तक जगी रहेगी तो मुझे नींद कैसे आएगी भला"ये कहते हुए वह आरुषि के बल सहलाने लगी 
आरुषि - आप भी ना  बहुत ज्यादा सोचती है 
" हा हा अब हूं तो सोचूंगी ही जब नहीं रहूंगी तब पता चलेगा" 
आरुषि - हा हा तब की तब देख लेंगे अभी सी जाओ आप भी
 तभी आरुषि हड़बड़ा कर उठती है और देखती है कि वो काम करते करते ही सो गई थी ,  वह पास में देखती है तो वहा कोई नहीं था सिर्फ उसकी फाइल्स और पेपर्स बिखरे पड़े थे  , 
वो कुछ देर के लिए अपनी आंखे बन्द करती है और फिर सामने दीवार पर लगी तस्वीर की तरफ देखती है जिस पर माला लगी हुई थी ,वो कुछ देर उसे देखती रहती है , और हलका सा मुस्कुराती है 
आरुषि ( तस्वीर को देखते हुए ) - आपको मिस करती हूं मम्मा...... 



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