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Showing posts from June, 2020

वापसी

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 वापसी short story वानी रेलवे स्टेशन पर बैठे बैठे रोहित का इंतजार कर रही थी। वो उसे कई मेसेज , कॉल कर चुकी थी लेकिन रोहित की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था उसकी आंखो से आसू लगातार बह रहे थे। उसे कुछ कुछ  अंदाजा तो हो गया था रोहित के रिप्लाइ ना देने का पर कमबख्त दिल ये मानने को तैयार ना था। वो  आंखे बन्द कर के एक गहरी सास लेती  है, उसके मन में वही सब चल रहा था जो कुछ एक घंटे पहले हुआ... अभय( वानी के पिता)- ये क्या है वानी इतने खराब मार्क्स . ये बोर्ड का साल था तुम्हारा और तुम ये मार्क्स लाई हो , इससे कहा एडमिशन मिलेगा तुम्हे ,क्या करोगी तुम, क्या करना चाहती हो बताओ मुझे " मैं कर लूंगी पापा मुझे जो भी करना होगा आप फिक्र मत लो मेरी"  - वानी ने उनकी बातों को नजरंदाज करते हुए कहा अभय - मैं फिक्र ना करू ...सच में वानी?😟😕  मेरी बात सुनो वानी मै तुम्हे तुम्हारे विनय अंकल के पास भेज रहा हूं उनसे बात कर ली है मैने , वहा के कॉलेज में तुम्हारा एडमिशन करवा देंगे वो। और मुझे रिज़ल्ट अच्छा चाहिए वहा का। ठीक है? वानी - मै कही नही जाऊंगी पापा । मैं...

First Meeting

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love story first meeting 💞 first meeting Abhi ( on call)-  hey! where are you . i reached at our place.😍 surbhi- on the way . just coming .☺️ Abhi - ok.. by the way why you sound so calm. 😉 Surbhi- i dnt knw ..i jst want to meet u asap😗 Abhi - hey i am here na baby . after 3 year we are meeting . just relax nd come fast 😘 Surbhi - yeahh.. 😊 Abhi - i am waiting . love you jaan 😘 Surbhi- love you to😘 call ends Abhi ( to himself)- i am dying to see you jaan . i missed u a lot  my Jaan. 🤩😘 after   10 minutes  phone rings he picks up Surbhi - i reached🤩 . where are you Abhi - ummm  i am standing near a bencth .😍 Surbhi - ok i am coming 🧐 Abhi - yeahh... ( suddenly sees her)you are looking breathtaking in black top😍😍 . Surbhi - Abhi yr this is not fair   🙄 Abhi - hey baby just look straight 😘 Surbhi - ok... where🧐🧐 Abhi - straight baba 😘 Surbhi ( sees him ) - i saw you i am coming😍🤩 Abhi -...

Tea Point(Real Love Story-Finle Part)💕

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Story In Hindi Part 2 पार्ट 2 मुझे एक पेड़ गिरा हुआ दिखा। जैसी आवाज थी उस हिसाब से वो आवाज उस पेड़ के गिरने की नही लगी। मैने सोचा मैं वापस जा कर देखु,इतने में माँ का कॉल आ गया। उनकी आवाज में मेरे लिए बहुत चिंता महसूस हुई और मैं अपने घर की ओर चल दिया। कुछ देर बाद में अपने घर पहुँच गया। घर पर सभी मुझे देख कर बहुत खुश थे। अगले दिन, मैं सुबह उठा। मौसम एकदम साफ था। मुझे याद आया कि उस रेस्तरॉ वाले के कपड़े मुझे लौटने हैं। मैं जल्दी से तैयार हो के अपनी बाइक लेके रेस्तरॉ की तरफ चल दिया। कुछ देर में वहाँ पहुँच गया। मैंने देखा वहा लोगो की भीड़ लगी हुई थी एक तरफ पुलिस की कार और हॉस्पिटल से आई एक वैन भी खड़ी थी। ये सब देख के मैं थोड़ा सहम गया था।  वहाँ खड़े लोगो से मैंने पुच्छा "यहाँ क्या हुआ है,ये पुलिस और हॉस्पिटल वैन क्यों आई है।" उन लोगो मे से एक आदमी ने बताया कि कल शाम को आई बारिश से लैंड स्लाइड हो गयी। जिसकी वजह से ये रेस्तरॉ पूरी तरह टूट गया। इसका कुछ हिस्सा नीचे घाटी में गिर गया। जिसमें यहा रहने वाले दो लोगो की जान चली गयी। फिर मैंने पूछा "उनके परिवार से कोई...

Tea Point(Real Love Story)💗

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Part 1 Story In Hindi #Storyfever # TEA POINT नमस्ते, मेरा नाम  हरमन गुप्ता है। वैसे तो मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ पर मेरे पापा की जॉब की पोस्टिंग हिमाचल में हुई है तो अब हमारा रैनबसेरा  हिमाचल में है और में अपना एक किस्सा आप लोगो के साथ बांटना चाहता हूँ में दिल्ली में काम करता हूँ। तो अक्सर मेरा दिल्ली आना-जाना लगा होता है। एक दिन में अपनी बाइक से  हिमाचल चल दिया क्योंकि कोई रास्ता नही था घर तक जाने का। मेरा देश एक अनदेखी बीमारी से जूझ रहा था। सब कुछ बन्द था । बहुत लोग पैदल अपने घर की ओर जा रहे थे। जैसे तैसे करके मैं अपनी बाइक से अपने घर चल दिया। जब में हिमाचल पहुँचा,तो वहाँ बारिश शूरू हो गयी । बारिश इतनी तेज थी कि आगे भड़ना मुझे सही नही लगा। क्योंकि में पहाड़ी इलाके में था। मैंने आस पास देखा तो 100 मीटर दूर एक छोटा सा रेस्तरॉ दिखा, जो खुला था। मैं वहाँ गया,बाइक को एक तरफ लगा के अंदर  जा रहा था तभी मेरा पैर पिसल गया। मुझे गिरता देख एक सामने बैठी लड़की हँसने लगी। मैं जैसे-तैसे करके वहाँ से उठा और रेस्तरॉ के अंदर गया। वहाँ मैंने चाय का ऑर्डर दि...

इत्तेफाक(Finle Part)

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The Beginning Of Love. लव स्टोरी इत्तेफाक ❤️ लास्ट पार्ट अगले दिन मैं उसे लेने उसके घर गया । थोड़ी ही देर में वो बाहर आई और मै उसे देखता ही रह गया, उसने इत्तफाक से आज वही हल्का गुलाबी रंग का सूट पहना था । मैं तो उसी में खो सा गया था । तभी वो मेरे पास आ कर खड़ी हो गई । अच्छी लग रही हो! , मैंने कहा वो फिर मुस्कुरा दी और बाइक में बैठ गई । मै उसे एक पार्क में ले गया और वहां एक बेंच पर जा कर हम बैठ गए । काफी देर ऐसे ही बैठने के बाद उसने चुप्पी तोड़ते हुए कहा - तुम्हे कुछ बात करनी थी ना रवि! हा...हा करनी तो है , मैने थोड़ा नर्वस हो के कहा वो मुझे ही देख रही थी कि मै क्या कहने वाला हूं मैं उसकी तरफ मुड़ा और एक गहरी सांस ली और फिर कहा - प्रीत! मैं कुछ महीने पहले ऑफिस जाने में लेट हो गया था और ट्रैफिक में फसा था । वहा मैने एक लड़की को देखा ... हल्के गुलाबी रंग के सूट में बहुत खूबसूरत लग रही थी वो मैं उससे अपनी नजरे हटा ही नहीं पाया था । शायद मैने पहली ही नजर में उस अपना दिल दे दिया था । (वो ताज्जुब भरू निगाहों से मेरी तरफ़ देखती है) उसके बाद में मैं रोज उससे मिलने की उम्मीद...

इत्तेफाक (Part 4)

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#storycafe Love Story #इत्तफाक ❤️ #04 #लंचटाइम मुझे काम में बिजी देखते हुए वो बोली -  रवि आप लंच  करने नहीं आए रहे? (रवि! वाह तुम्हारे मुंह से ये नाम कितना अच्छा लग रहा है) रवि? वो फिर बोली दरअसल मैं आज लंच लाना भूल गया , मैने कहा कोई बात नहीं मैं लाई हूं आप मेरा कर लीजिएगा, अरे नहीं नहीं आप जाइए , मैने कहा मेरे मना करने पर जब वो नहीं मानी तो मैं भी चल दिया उसके साथ । कुछ देर बाद 6 बज चुके थे मै बस बाइक की चाबी लेकर निकला ही था कि देखा प्रीतिका ऑटो के लिए खड़ी थी , मैं उसके पास गया। अरे आप यही है जी बस ऑटो का इंतजार कर रही हूं चलिए मैं छोड़ देता हूं आपको ,मैने कहा अरे नहीं ऑटो आता ही होगा मैं ऑटो से चली जाऊंगी , वह बोली ये तो नाइंसाफी हो जाएगी प्रीतिका जी , आपने मुझे अपना लंच कराया अब मुझे भी तो आपके लिए कुछ करने दीजिए । वो हामी भर के हल्का सा मुस्कुराई । फिर मेरी बाइक में बैठ गई । कसम से आज का दिन मैं कभी नहीं भूलूंगा, शाम की ठंडी ठंडी हवा , हवाओं में उड़ते उसके बाल , बाइक के शीशे में मैं उसकी खूबसूरती को साफ देख पा रहा था ।मानो जैसे कोई सपना दे...

इत्तेफाक(Part 3)

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#storyfever ❤️ #03 बस बॉस के केबिन से बाहर ही आया था कि फिर जो देखा उस पर यकीन नहीं हुआ। मेरे डेस्क के पास में जो एक डेस्क लगा था उस पर वही लड़की बैठी थी जिसे मैने उस दिन सड़क पर देखा था। अपनी आंखो पर यकीन नहीं हुआ। ऐसे एक महीने बाद उसका दिखना वो भी मेरे ऑफिस में , ये भी तो एक इत्तफाक ही तो  था। मैं धीरे धीरे अपने डेस्क की तरफ बड़ा मानो कोई सपना देख रहा हूं। और वो मुझे देखते ही मुस्कुराने लगी बस एक हार्ट अटैक तो वहीं आ गया मुझे , उसकी मुस्कान को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता । उसकी मुस्कान मुझे अंदरुनी सुकून दे रही थी और तभी मेरे ख्याल टूटे उसकी आवाज़ से हैलो सर! ये कह के उसने फिर छोटी सी मुस्कान दी । हैलो! पहले तो कभी नहीं देखा आपको यहां , मन में सारे ख्याल दबाते हुए मैने कहा। "आज ही जॉइन किया है मैने सर" वह बोली। बस ये सुनते ही मन में सारे लड्डू फुट गए । फिर वो अपने डेस्क पर जा कर कामो में लग गई शाम होते ही मैं ऑफिस से निकला तो देखा वो ऑटो से जा चुकी थी। फिर मैं भी चल दिया ।। आज तो  रात उसी के ख्यालों के नाम हुई। उसी के बारे में सोचते हुए मुझे ये ध्य...

इत्तेफाक (Part 2)

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#इत्तेफाक ❤️ #02 कल तो मै लेट हो गया था पर आज मै लेट होना चाह रहा था । मै जानबूझ कर लेट कर रहा था इस उम्मीद की शायद आज भी वो दिख जाए । पता नहीं उसके लिए इतना बेचैन क्यों हो रहा था । बस फिर नाश्ता किया और चल दिया घर से। और ना जाने क्यों आज पूरी रोड साफ थी कोई ट्रैफिक नहीं। मैं फिर भी स्लो स्पीड में बाइक चलाते हुए देख रहा था। और ऐसे ही ऑफिस भी पहुंच गया पर वो लड़की खी भी दिखाई नहीं दी। थोड़ा उदास हो गया, सच कहूं तो बहुत उदास था ,क्यों ..इसका जवाब तो मेरे पास भी नहीं था। मै उदास मन लिए चल दिया । फिर सारा काम ख़तम कर घर आया । खाना खा के अपनी रोज की आदत की तरह डायरी लिखी फिर सोने की कोशिश  करते हुए सोच म डूब गया इस  कि चलो आज नहीं शायद कल दिख जाए।  पता नहीं क्यों मै इतना बेचैन हूं उसके लिए । मन में बहुत से क्यों उठ रहे थे पर उनमें से किसी भी क्यों का जवाब  मेरे पास नहीं थी । यही सब सोचते हुए कब आंख लगी पता ही नहीं चला । #मॉर्निंग आज फिर लेट घर से निकला और आज भी मुझे वो कहीं नहीं दिखाई दी। आज फिर मन उदास हो गया। यही सिलसिला कुछ दिन चला मेरा लेट जाना उसका ना दि...

इत्तेफाक

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#इत्तेफाक ❤️ #शॉर्ट_स्टोरी आज डायरी खोलते ही चेहरे पर एक अनकही मुस्कान बिखर गई । वैसे तो हर दिन बड़ा व्यस्त होता है घर से ऑफिस , ऑफिस से घर। पर आज कुछ अलग हुआ । आज मै अपनी नौकरी के तीन महीनों में पहली बार लेट हुए देर से उठने से । कोई समान नहीं मिलरा था मैं तो बिन नाश्ता किए ही जा रहा था थी मा ने टोका "रवि नाश्ता कर पहले फिर जाना मा मै बहुत लेट हो गया हूं ऑफिस में कर लूंगा थोड़ा सा तो कहा ले बेटा , मा ने कहा बस फिर क्या मा से कोई जीत पाया है भला जल्दी जल्दी में खा के बाइक ले निकल गया। सड़क पर पहुंचा ही था कि ट्रैफिक इतना की क्या बताऊं । बस इसे भी आज ही होना था एक तो वैसे ही लेट हूं बड़बड़ाते हुए मै इधर उधर देखने लगा । तभी मेरी नजर सामने की सड़क पर पड़ी । हल्के गुलाबी रंग के सूट पहने एक लड़की खड़ी  अपना दुप्पटा साफ करते हुए बडबडा रही थी । शायद कोई गाड़ी उसके ऊपर पानी के छीटें मार गई थी। मासूम से  चेहरे पर हल्की शिकन  उसे और भी खूबसूरत बना रही थी ।जाने क्यों मै उससे नजरे हटा ही नहीं पा रहा था । बस एकटक उसे देखा रहा । उसकी मासूमियत में खो सा गया था । वर्षा क...